सर्वनाम व उसके भेद
संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते है। सर्वनाम के प्रयोग से संज्ञा शब्द की पुनरावृत्ति से होने वाले अपकर्षण से बचा जा सकता है। भाषा चंद्रोदय में सर्वनाम के लिये संज्ञा प्रतिनिधि शब्द का उपयोग किया गया है। सर्वनाम संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होता है लेकिन यह संज्ञा नहीं है क्योंकि संज्ञा से सदा उसी वस्तु का बोध होता है जिसका वह नाम है, परन्तु सर्वनाम से पूर्वापर संबंध के अनुसार किसी भी वस्तु का बोध हो सकता है। जैसे- आदमी शब्द से आदमी का ही बोध होता है, किसी सड़क, गांव या घर का नहीं लेकिन ‘वह’ कहने पर पूर्वापर संबंध के अनुसार गांव, घर या सड़क का भी बोध हो सकता है। इससे भाषा की सरलता, संक्षिप्तता एवं सौन्दर्य में वृद्धि होती है। सर्वनाम पूर्वापर संबंध के अनुसार किसी संज्ञा का बोध कराते है। हिन्दी में प्रयोग के आधार पर सर्वनाम के छ: भेद किये जाते है, जो इस प्रकार है-
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पुरुषवाचक सर्वनाम
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निश्चयवाचक सर्वनाम
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अनिश्चयवाचक सर्वनाम
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प्रश्नवाचक सर्वनाम
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सम्बन्धवाचक सर्वनाम
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निजवाचक सर्वनाम
(1) पुरुषवाचक सर्वनाम
जो सर्वनाम व्यक्ति के लिये आते है जिनमें वक्ता, श्रोता या अन्य के नाम के स्थान पर प्रयुक्त किये जाते है। ये निम्न तीन रूपों में हो सकते है।
प्रथम- वक्ता के लिए, जैसे- मैं, हम
द्वितीय- श्रोता के लिये जैसे- तुम, तू, आप
तृतीय- अन्य के लिये जैसे- वह, वे, उन्होने आदि
पुरुषवाचक सर्वनाम के निम्नलिखित तीन प्रकार होते है-
उत्तम पुरुष- मैं, हम
मध्यम पुरुष- तू, तुम, आप
अन्य पुरुष- वे, वह, उन्होने, उनका
(2) निश्चयवाचक सर्वनाम
जिन सर्वनाम शब्दों से किसी व्यक्ति, वस्तु या घटनाओं के दूरवर्ती या समीपवर्ती होने का बोध हो, उन्हे निश्चवाचक सर्वनाम कहते है। ‘यह’ निकटवर्ती सर्वनाम है, जबकि ‘वह’ दूरवर्ती। निश्चयवाचक सर्वनाम को संकेत वाचक सर्वनाम भी कहते है। जैसे- वह घर किसका है? , यह गाड़ी मेरी है।
(3) अनिश्चयवाचक सर्वनाम
जिन सर्वनामों से किसी निश्चित पदार्थ, व्यक्ति या घटना आदि का बोध नहीं होता, उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते है। जैसे- कोई, कुछ, किसी, आदि प्राणी वाचक संज्ञाओं के लिये ‘कोई’, ‘किसी’ सर्वनाम का और अप्राणीवाचक सर्वनाम के लिये ‘कुछ’ सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है। जैसे- यहां कोई नहीं आया, वहां जाकर किसी से पुछ लेना, बाजार से कुछ ले आना।
(4) प्रश्नवाचक सर्वनाम
जिन सर्वनामों में किसी भी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी या क्रिया व्यापार आदि के संबंध में प्रश्न का बोध हो, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते है। इसमें व्यक्ति या प्रणी के लिये कौन, किसे, किसने तथा वस्तु या क्रिया व्यापार के लिए क्या, कब आदि का प्रयोग किया जाता है, जैसे- वहां कौन रहता है?, तुम्हें किसने पीटा था?, वहां क्या करोगे? गाड़ी कब आयेगी?
(5) सम्बन्धवाचक सर्वनाम
वे सर्वनाम जो किसी उप-वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा या सर्वनाम का अन्य संज्ञा या सर्वनाम से सम्बन्ध प्रकट करते है, सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहलाते है। जैसे- जो करेगा सो भरेगा, जिसकी लाठी उसकी भैंस, जैसी करनी वैसी भरनी।
(6) निजवाचक सर्वनाम
वह सर्वनाम जिसमें वक्ता स्वयं खुद या अपने आप को निजता का बोध कराते हों, निजवाचक सर्वनाम कहलाता है। जैसे- मैं खुद वहां गया, घड़ी अपने आप बंद हो गई, वह स्वयं मुझसे मिलने आया, मैं स्वयं परीक्षा उत्तीर्ण नहीं हूं।
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