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हिन्‍दी काव्‍य का इतिहास (History of Hindi Poetry)

History of Indian Poetry हिन्‍दी साहित्‍य के इतिहास को विद्वानों ने मुख्‍यत: चार भागों में विभक्‍त किया है। यह विभाजन, और नामकरण उस युग की प्रमुख प्रवृत्तियों को ध्‍यान में रखकर किया गया है-   आदिकाल या वीरगाथा काल- वि० सं० 800 से 1400 तक (सन 743 ई० से 1343 ई० तक) पूर्व मध्‍य काल …

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भारत के मुख्‍य सांस्‍कृतिक संस्‍थाएं और संगठन (भाग-1)

भारत के मुख्‍य सांस्‍कृतिक संस्‍थाएं और संगठन (भाग-1)   (1) एशियाटिक सोसायटी (कोलकाता)   सर विलियम जोन्‍स, एक महान विद्वान और कलकत्‍ता उच्‍च न्‍यायालय में न्‍यायाधीश थे। उनके द्वारा एशियाटिक सोसायटी की स्‍थापना 15 जनवरी 1784 को की गई थी। यह भारत के सभी सर्वेक्षणों का एक ‘फाउंटेनहेड’ है, जैसे कि भारतीय भूगर्भीय सर्वेक्षण भारतीय …

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विशेषण व उसके भेद

विशेषण व उसके भेद संज्ञा आदि की विशेषता बताने वाले शब्‍दों को विशेषण कहा जाता है। जैसे- महान व्‍यक्ति, लाल टमाटर, बड़ा मकान, चौगुना बड़ा इत्‍यादी। अर्थ की दृष्टि से विशेषणों के चार भेद किये जा सकते है- गुणवाचक विशेषण संख्‍यावाचक विशेषण परिमाणवाचक विशेषण संकेतवाचक या सार्वनामिक विशेषण (1) गुणवाचक विशेषण किसी शब्‍द (विशेष्‍य) के …

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सर्वनाम व उसके भेद

सर्वनाम व उसके भेद   संज्ञा के स्‍थान पर प्रयुक्‍त होने वाले शब्‍दों को सर्वनाम कहते है। सर्वनाम के प्रयोग से संज्ञा शब्‍द की पुनरावृत्ति से होने वाले अपकर्षण से बचा जा सकता है। भाषा चंद्रोदय में सर्वनाम के लिये संज्ञा प्रतिनिधि शब्‍द का उपयोग किया गया है। सर्वनाम संज्ञा के स्‍थान पर प्रयुक्‍त होता …

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संज्ञा व उसके प्रकार

संज्ञा व उसके प्रकार   नाम को संज्ञा कहते है, संज्ञा वह विकारी शब्‍द है जिससे किसी व्‍यक्ति, वस्‍तु, स्‍थान या गुण का बोध हो। ये विकारी शब्‍द होते है तथा लिंग, काल, वचन, पुरुष आदि के प्रभाव से इनके रूप में परिवर्तन होता रहता है। हिन्‍दी में संज्ञा मुख्‍यत: तीन प्रकार की होती है- …

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जयशंकर प्रसाद

Jayshankar Prasad जयशंकर प्रसाद आधुनिक हिन्‍दी साहित्‍य की श्रेष्‍ठ प्रतिभा थे। द्विवेदी युग की स्‍थुल और इतिवृत्‍तात्‍मक कविता धारा को सूक्ष्‍म भाव सौन्‍दर्य, रमणीयता एवं माधुर्य से परिपूर्ण कर प्रसादजी ने नवयुग का सूत्रपात किया। ये छायावाद के प्रवर्तक, उन्‍नायक तथा प्रतिनिधि कवि होने के साथ ही नाटककार एवं कहानीकार भी रहे। प्रसादजी का जन्‍म …

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भारतेन्‍दु हरिश्‍चन्‍द्र

Bhartendu Harishchandra आधुनिक हिन्‍दी साहित्‍य के जन्‍मदाता एवं भारतीय नवोत्‍थान के प्रतीक भारतेन्‍दु हरिशचन्‍द्र 18-19वीं शताब्‍दी के जगत सेठों के एक प्रसिद्ध परिवार के वंशज थे। इनके पूर्वज सेठ अमीचन्‍द का उत्‍कर्ष भारत में अंग्रेजी राज्‍य की स्‍थापना के समय हुआ था। उन्‍हीं के प्रपौत्र गोपालचन्‍द्र ‘गिरिधरदास’ के ज्‍येष्‍ठ पुत्र भारतेन्‍दु हरिश्‍चन्‍द्र थे। भारतेन्‍दु का …

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Statue of Unity : Worlds Tallest Statue

Statue of Unity : Worlds Tallest Statue दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा जो स्‍टैच्‍यू ऑफ लिबर्टी की ऊंचाई से करीब दोगुनी, क्राइस्‍ट द रिडिमर की ऊंचाई से करीब 5 गुना ऊंची यहां तक की चीन के स्प्रिंग टेंपल बुद्धा से भी 29 मीटर ज्‍यादा ऊंची तथा पश्चिम भारत के एक सुदूर इलाके में स्‍थापित है …

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New Seven Wonders of the World

New Seven Wonders of the World दोस्‍तों हम सभी बचपन से ही यह सुनते आये हैं कि आगरा का ताजमहल दुनिया के सात अजुबों में से एक है। लेकिन आपको यह बात शायद ही पता होगी कि ताजमहल का नाम दुनियां के सात अजुबों में अभी कुछ साल पहले ही जुड़ा है। दरअसल दुनिया के …

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High Courts of India their Jurisdiction and Chief Judges

High Courts of India their Jurisdiction and Chief Judges क्र० न्‍यायालय अधिकार क्षेत्र मुख्‍य न्‍यायाधीश 1 इलाहाबाद उच्च न्यायालय उत्‍तर प्रदेश गोविंद माथुर 2 आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय आंध्र प्रदेश अरूप कुमार गोस्वामी 3 बॉम्बे उच्च‍ न्या‍यालय गोवा, दादर नगर हवेली, दमन दीव, महाराष्ट्र दिपांकर दत्त 4 कलकत्ता उच्च न्यायालय अण्ड्मान निकोबार, पश्चिम बंगाल T. …

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