New Seven Wonders of the World
दोस्तों हम सभी बचपन से ही यह सुनते आये हैं कि आगरा का ताजमहल दुनिया के सात अजुबों में से एक है। लेकिन आपको यह बात शायद ही पता होगी कि ताजमहल का नाम दुनियां के सात अजुबों में अभी कुछ साल पहले ही जुड़ा है। दरअसल दुनिया के सात अजुबे साल 2007 के बाद से पूरी तरह बदल चुके है। क्योंकि साल 2000 से 2007 के बीच स्विट्जरलैण्ड के “न्यू सेवेन वंडर्स फाउंडेशन” के द्वारा दुनिया के 200 ऐतिहासिक इमारतों को लेकर सर्वे कराया गया और फिर इस तरह से 2007 में जाकर दुनिया के सात अजुबों की नयी सूची तैयार करी गयी। और अगर हम दुनिया के पुराने सात अजुबों की बात करते है, तो इसके अन्तर्गत निम्नलिखित इमारतें शामिल की गयी थी-
गिजा का पिरामिड (मिस्त्र)
बेबीलोन का झुलता बागीचा (इराक)
आर्टेमिस का मंदिर (तुर्की)
सिकन्दरिया का प्रकाश स्तम्भ (मिस्त्र)
ओलम्पिया में जियस की मूर्ति (यूनान)
हैलिकारनेसस का मकबरा (तुर्की)
रोड्स के कोलोसस की मूर्ति (यूनान)
हालांकि, 2007 में यह सूची पूरी तरह से नवीनीकृत हो चुकी है। क्योंकि दुनिया के सात अजुबे अब बदल चुके है। इस लेख में हम इन्ही नये दुनिया के सात अजुबों के बारे मे बात करेंगे। और उनके बारे में कुछ महत्वपूर्ण बाते जानेंगे।
1. चीन की महान दीवार (चीन)
चीन की इस दिवार को 5वी शताब्दी से लेकर 16वीं शताब्दी तक बनाया गया था। और इस दिवार को बनाने में करीब 20 से 30 लाख लोगों ने अपना पूरा जीवन लगा दिया। यहां तक कि 6400 किलो मीटर में बने इस दिवार को कई सारे राजाओं ने अलग-अलग समय में मिलकर बनवाया था। इस दिवार को बनाने का मुख्य उद्देश्य चीनी साम्राज्य पर हमला करने वाले दुश्मनों से रक्षा करना था और यह दिवार इतनी बड़ी और लम्बी है कि इसे अंतरिक्ष से भी बहुत आसानी से देखा जा सकता है। इतना अद्भुत होने की वजह से ही इस दिवार को दुनिया के सात अजुबों में शामिल किया गया।
2. पेट्रा (जार्डन)
पेट्रा जार्डन देश के अंदर एक ऐतिहासिक शहर है जो कि लाल चट्टानों को काट कर बनी हुयी इमारतो के लिये जाना जाता है, यहां पर मौजूद इमारतो में 138 फुट ऊंचा मंदिर, ओपेन स्टेडियम, नहर और तालाब जैसी ही कई सारी चीजें शामिल है। साथ ही पत्थरों को काटकर कुछ ऐसी कलाकृतियां यहां पर बनायी गयी है जो कि लोगों का मन आसानी से मोह ले पेट्रा की यही सब चीजें लोगों को आश्चर्य चकित कर देती है, साथ ही यूनेस्को के द्वारा पेट्रा को विश्व धरोहर का दर्जा भी प्राप्त है। इन्ही सब खुबियों की वजह से 2007 में पेट्रा को दुनिया के नये सात अजुबों में जगह दिया गया।
3. क्राइस्ट द रिडीमर (ब्राजील)
क्राइस्ट द रिडीमर ब्राजील के रियो डी जेनेरो में स्थापित ईसा मसीह की एक प्रतिमा है जिसे कि दुनिया के सबसे बड़ी प्रतिमाओं में शामिल किया जाता है। यह प्रतिमा लगभग 40 मीटर लंबी और 30 मीटर चौड़ी है, इस प्रतिमा का वजन 635 टन के आसपास है। इस प्रतिमा का निर्माण 1922 से 1931 के मध्य किया गया था। इस प्रतिमा की खाश बात यह है कि जिस पर्वत की चोटी पर यह स्थित है वहां से पूरे शहर का अद्भुत दृश्य दिखाई पड़ता है। और यही देखने के लिये पूरी दुनिया से पर्यटक यहां पर आते हैं।
4. ताजमहल (आगरा)
ताजमहल भारत देश के आगरा शहर में स्थित सफेद संगमरमर से बना हुवा एक मकबरा है। जिसे 1632 ई० में मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था। 42 एकड़ में बसा हुवा यह मकबरा अपनी खुबसुरती की वजह से लाखों विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर खींच लाता है। और यही वजह है कि यमुना नदी के किनारे बसे इस खुबसूरत इमारत को दुनिया के नयें सात अजुबों में शामिल किया जाता है।
5. कोलोसियम (रोम)
कोलोसियम इटली देश के रोम शहर में स्थित रोमन साम्राज्य का एक विशाल स्टेडियम है। 24 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले इस जगह पर जानवरों की लड़ाई, खेल-कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम की तरह ही कई सारी चीजें होती थी। अंडाकार आकृति के इस स्टेडियम को कंक्रीट और रेत से बनाया गया है। हालांकि प्राकृतिक आपदा और भूकंप की वजह से इसका थोड़ा सा भाग ध्वस्त हुवा है, लेकिन आज भी इसकी विशालता वैसी ही है। इस विशाल स्टेडियम में एक समय पर 50 से 80 हजार लोग तक बैठ सकते थे, उस समय के हिसाब से ऐसे स्टेडियम को बनवाना कोई आसन बात नहीं थी। इन्ही सब वजहों से इतनी पुरानी यह वास्तुकला आज भी दुनिया के सात अजुबों में शामिल की जाती है।
6. माचू पिच्चू (पेरू)
माचू पिच्चू दक्षिण अमेरिकी देश के पेरू में स्थित एक ऐतिहासकि स्थल है। जो कि समुद्र तल से 2430 मीटर की ऊचांई पर एक पहाड़ के ऊपर मौजूद है। माचू पिच्चू की खूबसूरती देखने के बाद आपको पता चल जायेगा कि यह अमेरिकी देश पेरू का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल क्यों है। साथ ही 1983 में इसे विश्व धरोहर और 2007 में दुनिया के नये सात अजुबों में इसे चुना गया।
7. चीचेन इट्जा (मैक्सिको)
चीचेन इट्जा 5 किलो मीटर के दायरे में फैला हुवा एक ऐसा शहर जहां पर कई सारे पिरामिड मंदिर और खेल के मैदान बने हुवे है। एक पिरामिड के चारों तरफ मिलाकर कुल 365 सीढि़यां है और यहां पर हर एक सीढ़ी को एक दिन का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा यहां पर पवित्र कुएं के साथ-साथ खगोलीय वेधशाला भी मौजूद है। 2007 में स्विट्जरलैण्ड के न्यू सेवेन वंडर्स फाउण्डेशन ने इसे भी अपनी सूची में शामिल किया।
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