Civilian Awards of India

नागरिक पुरस्कारों को उनके कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों वाले लोगों को प्रदान किया जाता है। ये पुरस्कार गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा संबंधित प्राप्तकर्ताओं को प्रदान किए जाते हैं। इन नागरिक पुरस्कारों को वर्ष 1954 से प्रदान किया जा रहा है।

 

नागरिक पुरस्‍कार काेे दो भागों में विभक्‍त किया गया है, जो निम्‍नवत है-

 

1. भारत रत्‍न
2. पद्म पुरस्‍कार  
  • पद्म विभूषण
  • पद्म भूषण
  • पद्म श्री

 

भारत रत्‍न  सम्‍मान –

 

यह भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है और इस सम्मान को असाधारण राष्ट्रीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। पहले इसमें खेल को शामिल नहीं किया गया था लेकिन बाद में इसे सूची में शामिल किया गया है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। 

 

प्रारम्‍भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, लेकिन वर्ष 1955 में बाद में यह प्रावधान जोड़ा गया। इसके चलते यह सम्मान लोगों को मरणोपरांत भी दिया जाने लगा है। अब तक 12 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया, पर सुभाषचन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरांत मरणोपरांत सम्मान पाने वालों की संख्या 11  मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही ‘भारत रत्न’ दिया जा सकता है।

 

प्रारम्‍भ में इस सम्‍मान पदक का डिजाइन 35 मिमी गोलाकार स्‍वर्ण मेडल जैसा थे जिसमे सामने की तरफ सूर्य बना था और ऊपर की तरफ हिन्‍दी में भारत रत्‍न शब्‍द लिखा रहता था और नीचे की तरफ पुष्‍पहार था और पीछे राष्‍ट्रीय चिह्न और ध्‍येय वाक्‍य लिखा रहता था। कुछ समय बाद इस पदक के डिजाइन को बदल कर तांबे के बने पीपल के पत्‍ते पर प्‍लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया। जिसके नीचे चांदी में ‘भारत रत्‍न‘ लिखा रहता है। और इसे सफेद फिते  के साथ गले में पहना जाता है।

 

भारत रत्‍न के बारे में कुछ महत्‍वपूर्ण तथ्‍य :-

 

  • भारत रत्‍न जिन व्‍यक्तियों जाता है उनके नाम प्रधानमंत्री द्वारा राष्‍ट्रपति को सुझाया जाता है।
  • यह पुरस्‍कार सर्वप्रथम डा० सर्वपल्‍ली राधाकृष्‍णन, सर सी वी रमन, और चक्रवर्ती राजा गोपालचारी को 1954 में दिया गया था।
  • मदर टेरेसा पहली भारतीय नागरिकता प्राप्‍त महिला  थी जिन्‍हे भारत रत्‍न 1980 में दिया गया।
  • खान अब्‍दुल गफ्फार खान और नेल्‍सन मंडेला दो गैर भारतीय है जिन्‍हे क्रमश: 1987 और 1990 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया।
  • सचिन तेंदुलकर सबसे कम उम्र में भारत रत्‍न प्राप्‍त करने वाले खिलाड़ी है।
  • भारत रत्‍न सम्‍मान के नवीनतम प्राप्‍तकर्ता भूपेन हजारिका, प्रनव मुखर्जी तथा नाना जी देशमुख है, जिन्‍हे 2019 में यह सम्‍मान प्रदान किया गया।
  • इंदिरा गांधी प्रथम भारतीय महिला है जिन्‍हे 1972 में भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया था। अभी तक केवल 5 महिलाओं को भारत रत्‍न सम्‍मान प्राप्‍त हुआ है।
  • पहली बार लाल बहादुर शास्‍त्री को भारत रत्‍न सम्‍मान मरणोपरान्‍त 1966 में प्रदान किया गया।
  • भारत रत्‍न प्राप्‍तकर्ता को कोई भी मौद्रिक अनुदान नही दिया जाता है।

 

पद्म  पुरस्‍कार –

 

पद्म पुरस्‍कार की स्‍थापना सन 1954 में की गयी थी। भारत रत्‍न के बाद यह सबसे ऊंची उपाधि है जिसकी घोषणा प्रति वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्‍या पर की जाती है। किन्‍तु दो समयान्‍तरालों 1978–1979 तथा 1993–1997 के बीच पद्म पुरस्‍कार किसी को भी प्रदान नही किया गया। सन् 1954 में भारत सरकार ने केवल भारत रत्‍न तथा पद्म विभूषण पुरस्‍कार की स्‍थापना की थी। पद्म विभूषण पुरस्‍कार को ही तीन वर्गों – पहला वर्ग, दूसरा वर्ग तथा तीसरा वर्ग में प्रदान किया जाता था। कुछ समय पश्‍चात जनवरी 1955 में इन वर्गों के नाम बदल कर पद्म विभूषण, पद्म भूषण तथा पद्म श्री कर दिये गए।

 

जाति, व्‍यवसाय, पद या लिंग के भेद के बिना सभी व्‍यक्ति इन पुरस्‍कारों के लिये पात्र है। इन सम्‍मानो के लिये प्राप्‍तकर्ताओं के नामों पर विचार करने के लिये प्रधानमंत्री प्रति वर्ष एक समिति का गठन करते है। पद्म पुरस्‍कारों की सिफारिश राज्‍य सरकार/संघ राज्‍य प्रशासन, केन्‍द्रीय मंत्रालय/विभाग के साथ साथ उत्‍कृष्‍टता संस्थानों आदि से प्राप्‍त की जाती है। तत्‍पश्‍चात प्रधानमंत्री द्वारा गठित समिति इन नामों पर विचार करती है। पुरस्‍कार समिति के सिफारिश के बाद प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और राष्‍ट्रपति इस पर अपना अनुमोदन देते है और इसके बाद गणतंत्र दिवस के दिन इन सम्‍मानों की घोषणा कर दी जाती है। यह पुरस्कार, विभिन्न क्षेत्रों जैसे कला, समाज सेवा, लोक-कार्य, विज्ञान और इंजीनियरी, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल-कूद, सिविल सेवा इत्यादि के संबंध में प्रदान किए जाता है।

 

पद्म पुरस्‍कार के बारे में कुछ महत्‍वपूर्ण तथ्‍य :-

 

  • सरकारी सेवक जिनमें सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रम (PSU)  के साथ काम करने वाले डॉक्‍टर और वैज्ञानिक भी शामिल हैं, इन पुरस्‍कारों के लिए पात्र नहीं है।
  • सामान्‍यत: ये पुरस्‍कार मरणोपरान्‍त नहीं दिये जाते किन्‍तु कुछ मामलों में सरकार इस पुरस्‍कार को मरणोपरान्‍त देने पर विचार कर सकती है। यदि सम्‍मानित किये जाने वाले व्‍यक्ति की मृत्‍यु हाल ही में हुयी हो
  • निचले श्रेणी के पद्म पुरस्‍कार को प्राप्‍त करने वाले व्‍यक्ति को कम से कम पांच वर्ष के अंतराल के बाद ही उच्‍च श्रेणी का पद्म पुरस्‍कार दिया जा सकता है। किन्‍तु कुछ मामलों में पुरस्‍कार प्रदान करने वाली समिति इसमें छूट दे सकती है।
  • एक वर्ष में दिए जाने वाले पुरस्कारों की कुल संख्या (मरणोपरांत पुरस्कारों और विदेशियों को छोड़कर) 120 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • पद्म पुरस्कार हर साल 26 जनवरी को घोषित किए जाते हैं तथा इन पुरस्‍कारो का वितरण राष्‍ट्रपति द्वारा मार्च / अप्रैल महीने में राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित पुरस्‍कार वितरण समारोह में किया जाता है।
  • कोई भी नकद भत्‍ता या रेल / हवाई यात्रा किराया में रियायत इत्‍यादि सुविधा / लाभ इन पुरस्‍कारों के प्राप्‍तकर्ताओं को नहीं मिलता है।
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